चिकित्सा अधीक्षक, ब्लड़ बैंक प्रभारी ने किया रक्तदान, रक्तदान के लिए किया प्रेरित
बोले, हर अवसरों पर रक्तदान तथा स्वैच्छिक रक्तदान की प्ररेणा ले सभी
हर दिन कोई ना कोई कर्मचारी, स्थानीय लोग स्वैच्छिक रक्तदान कर सकते
श्रीनगर। बेस अस्पताल में नये साल 2025 का स्वागत जरूरतमंद मरीजों के लिए स्वैच्छिक रक्तदान जागरूकता अभियान के साथ किया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह, ब्लड़ बैंक प्रभारी डॉ. सतीश कुमार एवं काउंसलर एवं प्रेस नोडल मनमोहन सिंह ने नये साल के अवसर पर रक्तदान कर स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूकता अभियान की शुरुआत की।

कहा कि हर दिन कोई ना कोई कर्मचारी, स्थानीय लोग स्वैच्छिक रक्तदान के तहत बेस अस्पताल के ब्लड़ बैंक में पहुंचकर रक्तदान कर सकते है। जिससे आपका रक्तदान किसी जरूरतमंद मरीज की जान बचाने में काम आ सके।
बेस अस्पताल के ब्लड़ बैंक सेंटर स्वैच्छिक रक्तदान जागरूकता अभियान के अवसर पर अस्पताल के एमएस डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने कहा कि ब्लड़ बैंक में रक्तदान से ही बैंक की उपलब्धता हो पायेगी। इसलिए सभी को स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूक होकर जरूरतमंद लोगों की सहायता में रक्तदान में आगे आना चाहिए। ब्लड़ बैंक सेंटर के प्रभारी डॉ. सतीश कुमार ने कहा कि नये साल पर 20 वीं बार जरूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान किया है। उन्होंने कहा कि वह अपनी सेवा काल के दौरान जरूरतमंद लोगों के लिए रक्तदान करते आये है।

कहा कि ब्लड़ बैंक में कभी रक्त कमी ना रहे और जरूरतमंद लोगों को समय पर रक्त मिल सके इस उद्देश्य से लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान हेतु प्रेरित करने के लिए 20वीं बार रक्तदान किया है। उन्होंने कहा कि एक यूनिट ब्लड डोनेट करने से तीन मरीजों की मदद हो जाती है तो हर कोई 18 साल की उम्र से ब्लड डोनेट करे और कोशिश करे कि जीवनकाल में 25 बार ब्लड डोनेट हो जाय। आपके रक्तदान से कैंसर सहित कई जरूरतमंद लोगों को मदद मिलती है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि नये साल के अवसर पर जरूरतमंद लोगों के लिए संस्थान कर्मियों द्वारा खुद आगे आकर स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करना बहुत अच्छी पहल है। इसमें अस्पताल के अन्य डॉक्टर व कर्मी भी ब्लड़ बैंक पहुंचकर जरूरतमंद के लिए रक्तदान कर सकते है। उन्होंने कहा कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18-60 वर्ष है, वह वर्ष में तीन से चार बार रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से शरीर बहुत सारी नॉन कम्युनिकेबल बीमारियों से सतत बचाव रहता है। रक्तदान एक साथ तीन से चार जिन्दगी बचाता है। रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे सभी लोगों में जागरूकता आएगी। ऐसे प्रयास सतत् रूप से जारी रहने चाहिए
