प्रतिदिन चैक इन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने के फरमान का होगा पुरजोर विरोध,
रुद्रप्रयाग। प्राथमिक शिक्षक संघ की जनपदीय संयुक्त कार्यसमिति की प्रथम बैठक संघ भवन अगस्त्यमुनि में जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह झिंक्वाण की अध्यक्षता में आहूत हुई, जिसमें अष्टम त्रैवार्षिक निर्वाचन में समस्त शिक्षक प्रतिनिधियों व शिक्षकों का निर्वाचन में सहयोग व भागीदारी के साथ संगठन की एकता तथा अनुशासित ढंग से निर्वाचन संपंन कराने में सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। बैठक में प्रारम्भिक शिक्षा एवं शिक्षकों की समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श व चर्चा परिचर्चा के उपरांत शिक्षा एवं शिक्षक हितों में अनेक प्रस्ताव पारित किए गए।

बैठक में संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अधिकारियों की मनमानी से शिक्षकों को सत्रांत लाभ नहीं दिया जा रहा है, जिससे छात्रों की पढ़ाई मध्य सत्र में बाधित होनी तय है। प्रारम्भिक शिक्षा में शिक्षकों की कमी को देखते हुए व प्रतिदिन पढ़ाए जाने वाले वादनों के औचित्य को देखते हुए शिक्षा एवं छात्रहित में सत्रांत लाभ के सभी प्रकरणों को स्वीकृत करने की मांग की। स्थानांतरण अधिनियम के तहत होने वाले वार्षिक स्थानांतरण प्रक्रिया में शिक्षकों की पात्रता व रिक्तियों को गलत तरीके से बार-बार संसोधित किया जा रहा है, जिससे स्पष्ट है कि विभाग आधी-अधूरी तैयारी के साथ सूची जारी कर शिक्षकों को भ्रमित करने का कार्य कर रहा है, जिससे शिक्षकों में आक्रोश है। मांग की गई कि रिक्तियों को छिपाया न जाए व सभी रिक्तियों को स्वीकृत पदों के सापेक्ष सार्वजनिक करते हुए शिक्षकों की पात्रता सूची सही होमवर्क करने के उपरांत ही सार्वजनिक की जाए। सुगम क्षेत्रों में रिक्तियां न दिखाए जाने से जहां सुगम के विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव बना रहता है, वहीं दूसरी ओर दुर्गम में वर्षों से सेवा देने वाले शिक्षकों को सुगम क्षेत्र में स्थानांतरण का मौका नहीं मिल पाता है।

स्थानांतरणों में पारदर्शिता के लिए सभी रिक्तियों को सार्वजनिक करने व पात्रता सूची की सुचिता की आवश्यकता पर जोर दिया गया। विद्यालयों के कोटिकरण में सुधार किए बिना स्थानांतरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से शिक्षकों को व्यवहारिक रूप से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षकों के अनेकों प्रकार के देयक लम्बे समय से लम्बित हैं, जिन पर अधिकारियों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विकासखंड अगस्त्यमुनि में सेवानिवृत्त के उपरांत लम्बे समय से पेंशन प्रकरण व देयकों का भुगतान न होना, शिक्षकों के प्रति रवैए को सवालिया प्रश्न बना हुआ है। नवनियुक्त शिक्षको की पेंशन कटौती लम्बे समय से अभी तक शुरू ही नहीं की गयी है। क्या शिक्षकों के प्रकरणों को समय से हल न करने के लिए भी ’आनलाइन चैक इन’ की व्यवस्था बनेगी, अनावश्यक प्रकरणों को लटकाने पर संबंधित पर जिम्मेदारी क्यों नहीं निर्धारित की जाती। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के देयक लम्बे समय से लम्बित हैं। शिक्षक प्रतिनिधियों ने माध्यमिक शिक्षा में जिस तरह से अध्यापकों से मिनिस्ट्रियल कार्मिकों का काम नहीं लिए जाने के आदेश निर्गत किए गए हैं। निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा से भी शिक्षकों से विद्यालयों व कार्यालयों में मिनिस्ट्रियल कार्मिकों से संबंधित कार्य किसी भी दशा में न लिए जाने के आदेश निर्गत करने की मांग की गयी। कहा गया कि शिक्षकों से केवल और केवल पठन-पाठन का कार्य ही लिया जाए।
प्रत्येक शिक्षक की ओर से प्रतिदिन चैक इन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने के फरमान का पुरजोर विरोध करते हुए कहा गया कि शिक्षकों को शक की दृष्टि से देखना व उन्हें आए दिन भांति-भांति प्रकार के ऑनलाइन कार्यों में उलझाए रखना सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का कुचक्र मात्र है। शिक्षकों ने स्वीफ्ट चैट ऐप को ही अपने मोबाइल से डिलीट करने का मन बना दिया है। मांग की गई कि शिक्षा विभाग में आज आवश्यकता इस बात की है कि प्रतिदिन चैक इन के माध्यम से शिक्षकों के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा की जानी आवश्यक है कि किस अधिकारी ने आज शिक्षकों के कितने लम्बित प्रकरण हल किए हैं। प्रांतीत तदर्थ समिति से प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्वाचन की दिशा में शीघ्र कार्यवाही को लेकर उच्च न्यायालय के निर्देश को दृष्टिगत रखते हुए करने का निवेदन किया गया, जिससे प्रान्तीय स्तर पर प्रारम्भिक शिक्षकों के हितों की पैरवी प्रभावी ढंग से हो सके। सरकार व विभाग में प्रारम्भिक शिक्षकों की अनदेखी से शिक्षक खफा है।
बैठक में संगठन की क्षेत्रीय शाखाओं के प्रतिनिधि के रूप में अनूप नेगी, विजयराम गोस्वामी, चारू चन्द्र खंडूरी, लक्ष्मी नेगी, कैलाश मैठाणी, राजेन्द्र शाह, अरविंद सकलानी, मानवेन्द्र सिंह, प्रबल मिंगवाल, दीपक रावत, राम सिंह राणा व जनपदीय पदाधिकारी ललित मोहन काला, त्रिलोक सिंह रावत, उपेन्द्र बिप्ट, शैलेन्द्र चौहान, मनोज शर्मा, हरीश गिरी, बीना पंवार, उर्मिला गुसाईं, दिनेश राणा, कविन्द्र थपलियाल, राकेश नैनवाल, त्रिलोक बिष्ट, विपिन त्रिपाठी, जाकिर हुसैन, रघुबीर बुटोला ने भी अपने विचार रखे। बैठक का संचालन जिला मंत्री दिनेश चंद्र भट्ट ने किया।
