डेढ़ माह की बच्ची की 300 हार्ट रेट, बीपी कट्रोल नहीं और गंभीर निमोनिया था
आधुनिक वेंटीलेटर मशीनों एवं डॉक्टरों की देखरेख और इलाज से बच्ची हुए स्वस्थ
बेस चिकित्सालय में ही डेढ़ माह पहली जन्मी थी बच्ची
श्रीनगर। बेस चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने पौड़ी जिला अस्पताल से रेफर होकर आई एक नवजात बच्ची का सफल इलाज कर नया जीवनदान दिया है। 11 दिनों तक चले नवजात बच्ची के इलाज के दौरान डॉक्टरों की टीम एवं नर्सिंग स्टाफ की बेहतर देखभाल के बाद शुक्रवार को माता-पिता अपने घर की खुशी को हंसते-मुस्कराते अस्पताल से डिस्चार्ज करते हुए घर ले गये। नवजात बच्ची के माता-पिता ने बच्ची का सफल इलाज करने बेस अस्पताल के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों का आभार प्रकट किया।
साथ ही नवजात शिशुओं के लिए अस्पताल में आधुनिक मशीनें एवं इलाज की निशुल्क सुविधाएं देने पर प्रदेश के मा. चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी का भी आभार भी अदा करते नजर आये। विगत 11 दिन पहले पौड़ी अस्पताल से एक गंभीर स्थिति मे शिशु रेफर होकर पहुंची थी। बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. सीएम शर्मा एवं उनकी टीम द्वारा बच्ची की हालत को देखते हुए तुरंत नीक्कू वार्ड के वेंटीलेटर में रखकर इलाज शुरु किया। बाल रोग विशेषज्ञ एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सीएम शर्मा ने बताया कि बच्ची का हार्ट रेट 300 से अधिक आ रहा था और बीपी भी कट्रोल नहीं था और गम्भीर निमोनिया से बच्ची की छाती काफी प्रभावित थी। ऐसी स्थिति को देखते हुए बच्ची को वेंटीलेटर पर रखकर हार्ट रेट और बीपी ठीक करने के लिए तीन-तीन दवा चलाई गई। धीरे-धीरे बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार आया और बच्चे को पहले ट्यूब और चम्मच के सहारे दूध पिलाया गया। जिसके बाद बच्ची को मां का दूध पिलाना शुरु हुआ और बच्ची के स्वास्थ्य में पहले से काफी सुधार आया। डॉ. शर्मा के मुताबित हार्ट रेट ज्यादा और बीपी कट्रोल ना होने के साथ निमोनिया वाले बच्चे जिंदगी और मौत के बीच झूझते है। किंतु उक्त बच्ची समय पर अस्पताल पहुंचकर त्वरित इलाज कर नया जीवन मिलने में सफल हो पायी। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के बच्चे दून व ऋषिकेश एम्स के लिए रेफर होते थे, किंतु अब ऐसे बच्चों का इलाज बेस चिकित्सालय में सफलतापूर्वक किया जा रहा है। बच्ची के इलाज की टीम में असि. प्रोफेसर डॉ. अंकिता गिरी, जेआर डॉ. उर्वशी, डॉ. रश्मि, डॉ. प्रीती, डॉ. पवन सहित नर्सिंग स्टाफ का सहयोग रहा।
बच्ची की माता-पिता ने जताया डॉक्टरों व स्वास्थ्य मंत्री का आभार-पौड़ी मुख्यालय के सर्किट हाउस निवासी आशीष नेगी और बबीता ने बताया कि उनके द्वारा बेस अस्पताल में ही डेढ़ माह पूर्व एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया था, किंतु अचानक बच्चे की तबीयत बिगड़ गयी। पौड़ी अस्पताल से बेस अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों को 11 दिनों तक बेहतर इलाज चलाकर हमारी घर की खुशियों को वापस लौटाया है।
उन्होंने बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. सीएम शर्मा सहित उनकी टीम का ओपीडी कक्ष में पहुंचकर धन्यवाद दिया। साथ ही बेस अस्पताल में बेहतर डॉक्टरों की टीम एवं अति आधुनिक चिकित्सा उपकरण रखे जाने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी का भी आभार जताते हुए धन्यवाद प्रकट किया। कहा कि बेहतर सुविधाएं मिलने के कारण आज उनकी बच्ची को बेस अस्पताल में ही समुचित इलाज मिल पाया और पूर्ण रूप से स्वस्थ हुई।