आधुनिकता को देखते हुए तैयार हुए नये कानून: मंसूर अली,
ब्रिटिश काल से चले रहे कानूनों की जगह आधुनिक न्याय प्रणाली होगी स्थापित,
अगस्त्यमुनि में थानाध्यक्ष ने जन जागरूकता को लेकर बैठक ली,
अगस्त्यमुनि। दंड से न्याय की ओर अग्रसर होते हुए आज से समूचे देशभर में ब्रिटिश काल से चले आ रहे कानूनों की जगह आधुनिक न्याय प्रणाली को स्थापित करते हुए तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और तीसरा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 प्रभावशाली हो गए हैं। जो आईपीसी 1860, सीआरपीसी 1973 तथा साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लेंगे।
लागू हुए इन नये आपराधिक कानूनों को लेकर जन जागरुकता बढ़ाने के लिए पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग के निर्देशन में थाना अगस्त्यमुनि में हुई बैठक में सीएलजी सदस्य, गणमान्य व्यक्तियों, व्यापार संघ के सदस्यों सहित स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए प्रभारी थानाध्यक्ष मंसूर अली ने बताया कि पहले भारतीय दंड संहिता 1860 के अन्तर्गत 511 धारायंे थी, अब भारतीय न्याय संहिता 2023 में 358 धारायें हैं। पहले सीआरपीसी 1973 में 484 धारायें थी, अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में 531 हो गई हैं। पहले साक्ष्य अधिनियम 1872 में 167 धारायें थीं, अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में 169 धारायें हैं। इन नये अपराधिक कानूनों से आम जन को त्वरित, समान एवं सुलभ न्याय मिलेगा।
लागू हो रही नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्कताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गयी हैं, पुराने कानूनों में कुछ व्यवहारिक परिवर्तन किये गये हैं तथा कुछ नियम बदले गये हैं। कहा कि नये कानून में आमजन के हितों तथा अपराधियों के लिए कड़े प्राविधान किये गये हैं, नागरिकों के अधिकारों को सर्वोपरि रखते हुए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गयी है। बैठक में थाना अगस्त्यमुनि से एएसआई राकेश कुमार, एसआई हरीश चन्द्रहेड कांस्टेबल पंकज सजवाण, व्यापार संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री शत्रुघ्न नेगी, पूर्व सांसद प्रतिनिधि श्रीनन्द जमलोकी, व्यापार संघ अध्यक्ष त्रिभवुन नेगी, पूर्व अध्यक्ष नवीन बिष्ट, मोहन रौतेला, पूर्व प्रधान बलबीर लाल, विजय बंगरवाल, अनसूया मलासी, तिलवाड़ा क्षेत्र के व्यापारी मकान सिंह जगवाण सहित कई गणमान्य व्यक्ति एवं थाना अगस्त्यमुनि का स्टाफ मौजूद रहा। इसके साथ ही थाना अगस्त्यमुनि पुलिस ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में छात्राओं के मध्य पहुंचकर विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं को आज से लागू हुए कानून के संबंध में विस्तृत एवं बारीकी से महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रावधानों के संबंध में जानकारी देकर सभी छात्राओं को जागरुक किया गया।