मसूरी। जौनपुर क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास मंच गरखेत द्वारा आयोजित तीन दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन हो गया है। इस मौके पर मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी बतौर मुख्य अतिथि महोत्सव में शामिल हुए।
इस मौके पर मोहित डिमरी ने कहा कि जौनपुर क्षेत्र की संस्कृति, रीति- रिवाज और परंपराओं को क़रीब से जानने-समझने का अवसर मिला। उत्तराखंड में जौनपुर एक ऐसा क्षेत्र है, जहां बारामासा सांस्कृतिक त्योहार होते हैं। यहां की संस्कृति की खुशबू अब दुनिया में फैल रही है। यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है।
संस्कृति के साथ ही खेल गतिविधियों में यहां की बेटियां और बेटे अपना लोहा मनवा रही है। खासकर कबड्डी के फील्ड में यहां से कई प्रतिभावान खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं। इस शानदार महोत्सव के लिए आयोजक मंडल को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं। आयोजक मंडल की ओर से मिले आतिथ्य सत्कार-सम्मान के लिए साधुवाद। इस मौके पर स्थानीय लोगों ने जनवरी माह में होने जा रहे माघ-मरोज मेले के लिए भी मोहित डिमरी को आमंत्रित किया। जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि वह जरूर माघ-मरोज मेले में भी आयेंगे।
मूल निवास और भू-कानून की लड़ाई लड़ रहे मोहित डिमरी ने कहा कि मसूरी कैम्पटी फॉल होते हुए जब हम जौनपुर क्षेत्र में पहुँचे तो यहाँ भी भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि पड़ गई है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अनुरोध किया है कि अपनी जमीनें न बेचे। पहले तो अपनी ज़मीन पर स्वयं उद्यम करें। उद्यम करने में सक्षम नहीं हैं तो लीज पर अपनी ज़मीन दें और उद्यम में अपनी हिस्सेदारी तय करें। इससे ज़मीन पर भी मालिकाना हक़ बना रहेगा और इनकम भी होती रहेगी। उन्होंने स्थानीय लोगों से कहा कि जौनपुर की भाषा-संस्कृति तभी बचेगी, जब ज़मीन बचेगी। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने विश्वास दिलाया कि वह ज़मीन बचाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को गांव-गांव तक पहुँचायेंगे और लोगों को जागरूक करेंगे।
मोहित डिमरी विद्यालय में राजनीतिक विज्ञान के शिक्षक आशीष डंगवाल की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि वह शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। खासकर बालिकाओं की शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर देने की उनकी कोशिश है। विदेश में नौकरी का अवसर मिलने के बावजूद वह सरकारी स्कूल में सेवाएं देकर यहां के बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें एक बेहतरीन शिक्षक मिला है।
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित डॉ वीरेंद्र रावत ने कहा कि जौनपुर क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को उचित मंच दिया जाना जरूरी है। यहां की प्रतिभाएं अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहचान बना सकती है। उन्होंने भू-कानून और मूल निवास आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि जन-जन तक यह आंदोलन पहुँचना जरूरी है।
इस मौके पर आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता में सीनियर बालिका कब्बड्डी के फाइनल मैच में प्रथम स्थान गुरुकुल एकेडमी पांवटा हिमाचल व द्वितीय स्थान पर देवभूमि विकासनगर की टीम ने प्राप्त किया। वहीं जूनियर कब्बड्डी में प्रथम स्थान मसूरी की टीम व द्वितीय स्थान राजधानी क्लब द्वारगढ़ की टीम ने प्राप्त किया। सीनियर कबड्डी में प्रथम स्थान खास कुदाऊं व द्वितीय स्थान नाग देवता कल्ब भटोली ने प्राप्त किया। वॉलीबॉल में प्रथम स्थान मद्रसू बिन्हार व द्वितीय स्थान ग्राम पंचायत बंग्लों की काण्डी की टीम ने प्राप्त किया। इसके साथ ही सीनियर दौड़ में प्रथम स्थान प्रियांशु चौहान विकासनगर , द्वितीय स्थान सागर गुसाई व तृतीय स्थान आशीष रावत टकारना ने प्राप्त किया। सामान्य ज्ञान में प्रथम स्थान अमित पंवार ठाल , द्वितीय स्थान आकाश पंवार गैड़, आदेश रावत , तृतीय शुभम नौटियाल चड़ोगी , प्रिंस पंवार गैड़ ने प्राप्त किया। खेलकूद प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका राजेन्द्र पंवार , कुलदीप चौहान ,प्रवीन रावत , रघुवीर सिंह व लाखीराम चौहान द्वारा निभाई गई। इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी विशम्भर दत्त बौठियाल, भू कानून संघर्ष समिति के युवा इकाई के प्रभारी आशीष नौटियाल, अंकित चौहान, गुड्डू चौहान , राजेन्द्र रावत , समिति के अध्यक्ष सुरेश पंवार ,सचिव सुनील भंडारी ,उपाध्यक्ष राकेश शाह , निवर्तमान प्रधान हरिदास , अनिल रावत , कोषाध्यक्ष रघुवीर चौहान , संजय रावत , दीपक पंवार , कपिल भण्डारी , श्याम सिंह चंदोला , नरेश पंवार कुदाऊं ,प्रीतम पींटू ,नवनीत बिजल्वाण , विक्रम पंवार , संजय गुसाई, रोशन वर्मा राकेश रावत आदि के साथ-साथ अनेक जनप्रतिनिधि एवं विद्यालयों के छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम का सुंदर संचालन दीपचंद सजवाण एवं दिनेश रावत द्वारा किया गया।