माननीय चिकित्सा स्वास्थ्य एंव चिकित्सा शिक्षा मंत्री जी के निर्देश पर प्राचार्य ने डायलिसिस यूनिट के लिए बनाई नई टीम। पुरानी टीम को किया बाहर। डा. प्रद्युमन एमडी मेडिसिन की अगुवाई मे बनाई गई नई टीम।
नई टीम को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष/इंचार्ज फिजिशियन की अगुवाई मे दी गई डायलिसिस ट्रेनिंग।
रूद्रप्रयाग भणज की महिला सतेश्वरी देवी और कीर्तिनगर के गोनी गांव गोकुल सिंह का सफल डायलिसिस
मरीजों ने डायलिसिस सफल होने पर डॉक्टरों, नर्सिंग एवं टैक्नीकल स्टॉफ का जताया आभार।
संयुक्त निदेशक डॉ. महेन्द्र कुमार पंत, दून डायलिसिस यूनिट हैड डॉ. हरीश बसेरा के निर्देशन में सफल हुआ डायलिसिस। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की टीम का रहा अच्छा समन्वय।
श्रीनगर। बेस चिकित्सालय के लिए शुक्रवार का दिन डॉक्टरों, नर्सिंग व टैक्नीकल स्टाफ की नई टीम के लिए उम्मीदों से भरा रहा। टीम को जिस उम्मीद का इंतजार था वह शुक्रवार को सफल हो पाया। बेस अस्पताल में चार माह से डायलिसिस के लिए चल रही कोशिश आखिकर पूरी हो गई। शुक्रवार को एक महिला एवं एक पुरूष का सफल डाललिसिस हुआ। डाललिसिस सफल होने पर डॉक्टरों एवं मरीजों ने बताया सुखद अहसास। डॉक्टरों एवं मरीजों ने डायलिसिस सफल होने पर सभी को बधाई दी। वहीं प्रदेश माननीय चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बेस अस्पताल में डायलिसिस होने पर मरीजों के साथ ही डायलिसिस टीम को बधाई दी है।

डायलिसिस यूनिट का सफल संचालन चिकित्सा शिक्षा के संयुक्त निदेशक डॉ. महेन्द्र कुमार पंत और दून डायलिसिस यूनिट हैड डॉ. हरीश बसेरा व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की टीम के निर्देशन में हुआ। उनकी देख-रेख में रूद्रप्रयाग के भणज गांव से आयी सतेश्वरी देवी एवं कीर्तिनगर के सिल्काखाल गोनी से आये 84 वर्षीय बुजुर्ग गोकुल सिंह का सफल डायलिसिस हो पाया। चार घंटे के भीतर दोनों मरीजों का डायलिसिस करने में टीम ने सफलता पायी। मरीजों में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कतें नहीं आयी। डायलिसिस कराने पहुंचे सतेश्वरी देवी एवं गोकुल सिंह ने बेस अस्पताल में डायलिसिस होने पर सभी डॉक्टरों का आभार प्रकट किया है। कहा कि डायलिसिस शुरु होने से उन्हें अब अन्य जगह नहीं जाना पड़ेगा। डायलिसिस होने के बाद मरीज एवं उनके परिजन ने डॉक्टरों व स्टॉफ का आभार जताते हुए गये।

डायलिसिस में दून से आये नर्सिंग स्टॉफ मेघा, अनुराधा एवं डायलिसिस यूनिट के इंचार्ज मोहर सिंह, जितेन्द्र, पूजा, धीरा, सरिता ने सफलता पायी। वहीं कंपनी के इंजीनियर अंकित और आरो प्लाट के कमल भट्ट भी डायलिसिस के दौरान मौजूद रहे। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह एवं डायलिसिस के नोडल ( मेंटीनेंस) वरिष्ठ फार्मेसिस्ट अनिल उनियाल ने डायलिसिस की सफलता पर सभी का आभार प्रकट किया।
बेस अस्पताल में डायलिसिस की सफलता के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं। अस्पताल में मरीज हित डायलिसिस सुचारू रूप से संचालित हो इसके लिए अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती नहीं जायेगी। जिनके द्वारा लापरवाही की गई और भविष्य में यदि कोई लापरवाही करता है उसे मरीज हित में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। —
— डॉ. धन सिंह रावत, माननीय चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री।
किसी कार्य को संपादित करने के लिए टीम का मजबूत होना जरूरी होता है। बेस अस्पताल में आज एक नई टीम ने मजबूती एवं आपसी समन्वय बनाकर मरीजों का सफल डायलिसिस किया है। जिसके लिए टीम के सभी सदस्यों को बधाई देता हूं और नई टीम को यह भी सुझाव देना चाहता हूं कि वह एक और नई टीम बनाये। ताकि भविष्य में कोई दिक्कत पेश ना आये। —- डॉ. महेन्द्र कुमार पंत, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा शिक्षा, उत्तराखंड।

बेस अस्पताल में डायलिसिस यूनिट में दून से आयी टीम एवं श्रीनगर मेडिकल कालेज की डायलिसिस यूनिट की नई टीम को मरीजों के डायलिसिस में जो सफलता मिली है वह सब कुछ मरीज हितार्थ है। इसी तरह आपसी समन्वय व लगातार मानिटरिंग व एसओपी के अनुसार ही डायलिसिस यूनिट संचालन किया जायेगा- डॉ. सीएमएस रावत, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज श्रीनगर।
बेस अस्पताल में डायलिसिस शुरु कराने को लेकर चार माह से कसरत चल रही है, वह आज सफल हो पायी है। बेस अस्पताल के डायलिसिस यूनिट की टीम एवं दून से आयी टीम ने मिलकर आज दो मरीजों को सफल डायलिसिस किया है। डायलिसिस करने के बाद दोनो मरीज स्वस्थ्य होकर घर चले गये— डॉ. हरीश बसेरा, डायलिसिस यूनिट हैड दून अस्पताल।
