केदारनाथ नाम को बदलकर अन्य स्वरूप का बने मंदिर: आशा,
सोशल मीडिया पोस्ट से भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश ने कही यह बात,
केदारघाटी की जनता को दिया संदेश, प्रदेश सरकार का नहीं है कोई योगदान,
रुद्रप्रयाग। हिमालय में स्थित विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम सनातन धर्म के आस्था का प्रमुख केंद्र है, जो कि हमारे आराध्य देव हैं। यहां स्थित केदारनाथ धाम से किसी अन्य मंदिर की तुलना नहीं की जा सकती है। दिल्ली में किसी ट्रस्ट द्वारा बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक स्वरूप व नाम में बदलाव कर अन्य स्वरूप का मंदिर निर्माण किया जाना चाहिए।
सोशल मीडिया पोस्ट से केदारघाटी की जनता को संदेश देते हुए भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ धाम ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे मंदिर निर्माण में प्रदेश सरकार का कोई भी योगदान नहीं है और ना ही सरकार द्वारा किसी प्रकार का कोई सहयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धार्मिक कार्यक्रम व जनप्रतिनिधियों एवं साधु संतों के आग्रह पर कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे। इसका मतलब यह नही कि सरकार इसे धाम के रूप में विकसित करना चाह रही है। इससे पूर्व 2015 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा मुंबई में बद्रीनाथ के मन्दिर का शिलान्यास किया गया था। हिमालय में स्थित केदारनाथ धाम से सभी सनातनियों की आस्था जुड़ी हुई है। नर और नारायण ऋषि की हजारों वर्षों की तप व साधना के फलस्वरूप भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के स्वयंभू स्वरूप में विराजमान हुए। यहां स्थित केदारनाथ धाम से किसी अन्य मंदिर की तुलना किसी भी रूप में नहीं की जा सकती है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग-दर्शन व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण के अनेकों कार्य प्रगति पर हैं। केदारनाथ धाम में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।