रुद्रप्रयाग। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों का विरोध करते हुए मंगलवार को हिन्दू संगठनों ने केदारघाटी के गुप्तकाशी में प्रदर्शन कर बांग्लादेश यूनुस सरकार का पुतला दहन किया गया। हिन्दू संगठनों ने बांग्लादेशी सामानों के बहिष्कार का आह्वान किया। इसके साथ ही चेतावनी दी कि अगर तिरंगे का अपमान और हिंदुओं पर हमले जारी रहे तो भारतीय चुप नहीं बैठेंगे।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में अब केदारघाटी में भी प्रदर्शन होने लगे हैं। मंगलवार को भैरव सेना के आह्वान पर हिन्दू संगठनों ने बांग्लादेश में हिंदू समाज के लोगों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ केदार घाटी के गुप्तकाशी में विशाल प्रदर्शन हुआ। हिंदू संगठनों के अलावा भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल रहे। भैरव सेना के जिलाध्यक्ष अशोक सेमवाल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही बर्बरता को नहीं रोका तो हमको उन्हीं की भाषा में जवाब देना होगा। हमने गुंबद पर चढ़कर मस्जिद काे तोड़कर विश्व को दिखाया है।
जरूरत पड़ी तो उन्हीं की भाषा में जवाब देने के लिए फिर से वही दोहराया जाएगा। सनातन पर जो अंगुली उठाएगा, उसका हाथ काट देंगे। विश्व अखाड़ा परिषद (धर्म संस्कृति विभाग) के प्रदेश सचिव मोहित मैठाणी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार सोची समझी साजिश है। इसमें बांग्लादेश के अलावा और भी कई देश शामिल हैं। वह हिंदुओं पर अत्याचार करने और कराने वालों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1947 में हमने दाे रोटी बांटी थी। एक पूर्वी पाकिस्तान और दूसरा पश्चिमी पाकिस्तान था। पूर्वी पाकिस्तान ने 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने भारत के हिस्से को ही बांग्लादेश बना दिया। आज हमारी बिल्ली हमें ही म्याऊं कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गौ रक्षा विभाग के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी एवं उपाध्यक्ष दीपक नौटियाल ने कहा कि हिदुओं पर अत्याचार किसी भी कीमत पर सहन नहीं होगा। केंद्र सरकार को इस मामले में शीघ्र एक्शन लेने की जरूरत है। इस मौके पर कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल, उपहार समिति अध्यक्ष विपिन सेमवाल, सुभाष अंथवाल, जीप टैक्सी यूनियन अध्यक्ष देवेंद्र सिंह रावत, अनित शुक्ला, नितिन जमलोकी, लबिश राणा, अंकित राणा, दुर्गा प्रसाद देवशाली, राकेश गोस्वामी सहित कई मौजूद थे।