रूद्रप्रयाग। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा रूद्रप्रयाग द्वारा जनपद रूद्रप्रयाग के इतिहास के साथ-साथ स्थानीय परंपरा,सभ्यता, संस्कृति खान पान वेशभूषा,तीज त्योहारों के इतिहास के साथ साथ विकास यात्रा के दस्तावेज़ीकरण के लिए पाँच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई थी। यह कार्यशाला 5से 9 नवम्बर तक डायट रतूड़ा में आयोजित हुई।
कार्यशाला के समापन अवसर पर लेखक मण्डल को सम्बोधित करते हुए डायट रतूड़ा के प्राचार्य सीपी रतूड़ी ने कहा कि जनपद के बच्चों को अपनी सभ्यता, संस्कृति, रीति रिवाजों व परम्पराओं से परिचित कराने के साथ-साथ उनका इतिहास पढ़ने/समझने के लिए पुस्तक निर्माण का यह कार्य बहुत महत्वपूर्ण एवं जिम्मेदारी का कार्य है। उन्होंने पुस्तक के लेखक मण्डल से कहा कि वे सही एवं सर्वमान्य तथ्य ही पुस्तक में सम्मिलित करें। कार्यशाला की संयोजक डायट प्रवक्ता भुवनेश्वरी चंदानी ने बताया कि पाँच दिनी इस कार्यशाला के प्रथम चरण में जिले भर से एक दर्जन शिक्षकों को बुलाया गया था। इन शिक्षकों ने जिले के इतिहास से सम्बन्धित विभिन्न शीर्षकों पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। श्रीमती चंदानी ने बताया कि प्रथम चरण में जनपद के इतिहास से सम्बन्धित अतीत के प्रमुख व्यक्तित्वों, लेखकों, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों कारगिल शहीदों, उत्तराखंड आन्दोलन शहीदों के साथ रूद्रप्रयाग के अतीत से वर्तमान तक के इतिहास को संजोते हुए इसके अभिलेखीकरण का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने जनपद वासियों से निवेदन किया कि इस सन्दर्भ में यदि किसी के पास कोई जानकारी, दस्तावेज, शिलालेख, तामपत्र, पाण्डुलिपि, मुद्राएं (सिक्के) या कोई अन्य सामग्री हो तो कृपया डायट रतूड़ा के संज्ञान में अवश्य लायें, ताकि प्राप्त जानकारी को पुस्तक में उस व्यक्ति के नाम – पते के साथ संकलित किया जा सके। श्रीमती चंदानी ने जनपद मीडिया का भी आवाह्न किया कि वे इस सम्बन्ध में समय समय पर इतिहास संकलन के लिए जानकारी प्रदान करने की सूचना को भी प्रसारित व प्रचारित करने का कष्ट करेंगे ।
श्रीमती चंदानी ने आगे बताया कि जनपद के अतीत से वर्तमान तक के सफर की विकास यात्रा को हेमंत चौकियाल संकलित कर रहे हैं। रूद्रप्रयाग के साहित्यकार शीर्षक पर सुधीर बर्त्वाल,रूद्रप्रयाग के नृत्य, वेशभूषा, पहनावा शीर्षक पर श्रीमती विमला राणा, रूद्रप्रयाग के लोक गीत शीर्षक पर अश्वनी गौड़, रूद्रप्रयाग के प्रमुख व्यंजन एवं खानपान शीर्षक पर श्रीमती अमृता नौटियाल, रूद्रप्रयाग के प्रमुख हस्तशिल्प शीर्षक पर प्रमोद जगवाण, रूद्रप्रयाग के प्रमुख जनांदोलन व राज्य निर्माण आन्दोलनकारी शीर्षक पर गजेन्द्र रौतेला, रूद्रप्रयाग के खेल, कला, संस्कृति से सम्बन्धित प्रमुख व्यक्तित्व शीर्षक पर श्री वीरपाल परस्वाण,रूद्रप्रयाग की प्रमुख दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शीर्षक पर गजेन्द्र रौतेला, रूद्रप्रयाग की लोक कलायें व लोक कलाकार शीर्षक पर अश्वनी गौड़, रूद्रप्रयाग के नगर व कस्बों की विकास यात्रा शीर्षक पर सुधीर बर्त्वाल,रूद्रप्रयाग के स्थानीय मेले शीर्षक पर श्रीचंद भिलंगवाल व ईश्वर प्रकाश शैलानी, रूद्रप्रयाग में पाई जड़ी – बूटियाँ व औषधीय पादप शीर्षक पर प्रकाश बड़वाल, रूद्रप्रयाग की प्रमुख फसलें शीर्षक पर रघुनाथ सिंह रावत व आधुनिक रूद्रप्रयाग के निर्माता स्वामी सच्चिदानंद विषय पर हेमन्त चौकियाल इतिहास संकलन का काम कर रहे हैं।श्रीमती चंदानी ने कार्यशाला में इन विषयों पर सामग्री उपलब्ध करवाने हेतु पुस्तकें सुलभ करवाने के लिए गजेन्द्र रौतेला का हार्दिक धन्यवाद अदा किया।इस कार्य में जिले के विभिन्न लेखकों-पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजस्व विभाग के अधिकारियों,स्थानीय प्रशासन का भी सहयोग लिया जायेगा।