हंस फाउंडेशन अस्पताल ने दिया मरीजों के डायलिसिस करने का आश्वासन
श्रीनगर। मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में स्थापित डायलिसिस यूनिट में बार-बार तकनीकी दिक्कतें आ रही है। तीन बार मरीजों का डायलिसिस करते हुए मशीनें सही रिजल्ट नहीं दे पा रही थी और मरीजों को दिक्कतें आ रही थी। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने डायलिसिस यूनिट के आरो प्लांट को बदलने के साथ ही पूरी पाइप लाइन के साथ ही अन्य सामान बदल गया। जिसमें आरो की पानी की जांच भी सही पाई गई। जिसके बाद डायलिसिस करने पर मरीजों को दिक्कतें हुई। जिससे डायलिसिस कार्य स्थगित करना पड़ा।
डायलिसिस यूनिट शुरु ना होने पर शनिवार को भाजयुमो नेता सुधीर जोशी, शैलेश मलासी, विभोर बहुगुणा, राहुल बिष्ट, एबीवीपी से अध्यक्ष पद पर जीते छात्रसंघ अध्यक्ष जसवंत राणा, यूआर आशीष पंत, यशीश रावत, अर्जुन कृष्ण गैरोला, नीरज ध्यानी सहित कई छात्रों की एवं मरीजों व उनके तीमारदारों ने पहुंचकर जमकर हंगामा काटा। सभागार कक्ष में बैठक के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत के सम्मुख भाजपाईयों एवं एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा काटा। प्राचार्य प्रदर्शनकारियों को डायलिसिस के संदर्भ में अपनी बात रख रहे तो हंगामा होता रहा, जिस पर प्राचार्य ने इस्तीफा देने की बात तक कह डाली।
कहा कि चिकित्सा सेवाओं के बजाय मशीनों में खराबी आयी है। इसमें इंजीनियरिंग की टीम तीन चार बार चेक कर चुकी है। किंतु इसके बाद भी खराबी आ रही है तो तकनीकी दिक्कतों के समाधान के लिए समय लगता है। डायलिसिस में चिकित्सा सेवा विगत तीन सालों से बेहतर चल रही है। इसमें कोई कोताही नहीं बरती गई। प्रदर्शनकारियों ने डायलिसिस के अलावा कई प्रकार के मुद्दे उठाये गये। जिसके बाद प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने हंस फाउंडेशन अस्पताल से फोन पर वार्ता कर मरीजों के डायलिसिस के लिए सहयोग मांगा। जिस पर हंस फाउंडेशन ने फोन पर डायलिसिसि कराने का आश्वासन दिया। जिसके बाद निर्णय लिया गया कि डायलिसिस यूनिट में स्थापित आरओ प्लान्ट व डायलिसिस मशीनों के तकनीकी टीम के इन्जीनियर द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण कर समस्या का समाधान जल्द किया जायेगा।
डायलिसिस यूनिट संचालित होने पर कम्पनी द्वारा शुरूआती डायलिसिस अपने सुपरविजन में करवाया जायेगा। जब तक डायलिसिस यूनिट ठीक नहीं होती है तब तक हंस फाउन्डेशन देहरादून व सतपुली से समन्वय बनाते हुए चिकित्सालय के मरीजों को डायलिसिस हेतु भेजा जायेगा और मरीजों को वहां तक ले जाने व वापस लाने की निशुल्क व्यवस्था की जायेगी। बैठक में डॉ. रिजवी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह, चिकित्सा अधीक्षक एवं वित्त नियंत्रक प्रवीन बडोनी आदि मौजूद थे।