बद्रीनाथ। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर मिथुन लग्न में शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। तथा पंच पूजायें बुधवार 13 नवंबर से शुरू हों जायेगी। इसी के साथ उत्तराखंड चार धाम के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गयी ।
बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी अवसर पर बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग गणना के अनुसार समारोहपूर्वक तय की गयी। कपाट बंद होने की तिथि तय करने के लिए दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू किया गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री मौजूद रहे। इस मौके पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने अपने संदेश में तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी तथा यात्रा से जुड़े सभी विभागों, संस्थाओं, संगठनों का आभार व्यक्त किया।उन्होने कहा कि इस यात्रा वर्ष बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा सरल सुगम रही। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। सरकार एवं मंदिर समिति के प्रयासों से सभी यात्री को सुविधाएं मुहैया हुई।
बद्रीनाथ के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताय कि अभी तक 11 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बद्रीनाथ धाम के दर्शन किये। तथा साढे 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के दर्शन को पहुंचे। इस तरह साढ़े 24 लाख तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ-केदारनाथ के दर्शन कर लिए है एवं साढ़े अड़तीस लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर पहुंच गये है। इस दौरान रावल अमरनाथ नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं सदस्यगण, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी एवं बामणी, पांडुकेश्वर एवं माणा के हक-हकूकधारियों एवं तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट ने पंचांग गणना के अनुसार कपाट बंद होने की तिथि तय की तथा देव डोलियों के योगबद्री पांडुकेश्वर तथा नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम भी तय किया गया। साथ ही यात्रा वर्ष 2025 के लिए भंडार व्यवस्था के लिए सम्मान स्वरूप पगड़ी भेंट की गयी। भंडारी तोक से कुंदन सिंह भंडारी, कमदी थोक से अनुपम पंवार, मेहता थोक से यशवंत मेहता एवं सोबित मेहता को पगड़ी भेंट की गयी।
कपाट बंद होने से पहले होने वाली पंच पूजाओं के अंतर्गत 13 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा तथा शायं को भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे। 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, 15 नवंबर को खड़क पुस्तक वाचन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया जायेगा, 16 नवंबर को माता लक्ष्मी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा। तथा 17 नवंबर शाम सात बजे बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। रावल स्त्री रूप धारण कर माता लक्ष्मी को परिसर स्थित मंदिर से बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे। इससे पहले उद्धव महाराज एवं भगवान कुबेर मंदिर गर्भगृह से बाहर परिसर में आयेंगे। इसी के साथ रात्रि 9 बजकर सात मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। इसी दिन भगवान कुबेर रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव प्रवास के लिए पहुंचेंगे तथा उद्धव महाराज रावल निवास आ जायेंगे।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के शीतकालीन पूजा स्थल प्रस्थान के तहत र 18 नवंबर को उद्धव महाराज, भगवान कुबेर सहित रावल अमरनाथ नंबूदरी तथा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी रात्रि प्रवास के लिए योगबद्री पांडुकेश्वर पहुंचेंगे। उद्धव महाराज एवं भगवान कुबेर शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे जबकि आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी 19 नवंबर को नृसिंह मंदिर परिसर में विराजमान हो जायेगी। इस तरह इस वर्ष की बद्रीनाथ धाम की यात्रा का समापन हो जायेगा। बद्रीनाथ मंदिर परिसर में नौ दिन से चल रही मां दुर्गा पूजा एवं माता उर्वशी पूजन का भी हवन यज्ञ के साथ समापन हो गया है। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य भास्कर डिमरी, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, डिमरी पंचायत पूर्व अध्यक्ष विनोद डिमरी, जेई गिरीश रावत, राजेंद्र सेमवाल, जगमोहन बत्र्वाल, संतोष तिवारी, लेखाकार भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, विश्वनाथ, केदार सिंह रावत, सजय तिवारी, अजय सती अनसूया नौटियाल, अजीत भंडारी, संजय थपलियाल योगंबर नेगी, वैभव उनियाल, सत्येन्द्र चैहान, विकास सनवाल, दिनेश भट्ट, हरीश जोशी सहित अन्य मौजूद थे।
भैयादूज को बन्द होगें केदारनाथ धाम के कपाट
परंपरागत रूप से केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के पावन पर्व के बाद भैया दूज को बंद हो जाते है। इस बार त्रकेदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर भैयादूज को सुबह 8.30 बजे बंद हो जायेगें। इसी दिन 3 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर को प्रस्थान करेगी। 4 नवंबर को पंचमुखी डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, 5 नवंबर को गुप्तकाशी से पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में शीतकाल के लिए विराजमान होगी। इसी दिन यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होगें तथा भैया दूज से एक दिन पहले अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में बंद होगें। इस यात्रा वर्ष भैयादूज को यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर बंद होगें तथा अन्नकूट गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर शुभ मुहूर्त में बंद होगें। रहे। गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि तथा समय की घोषणा गंगोत्री मंदिर समिति तथा यमुनोत्री मंदिर समिति ने पृथक-पृथक रूप से की गयी। वहीं प्रसिद्ध गुरुद्वारा हेमकुंट साहिब तथा लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण मंदिर के कपाट बीते 10 अक्टूबर को बंद हो गये है।