बच्छणस्यूं के फतेपुर के समीप बना पुराना पुल क्षतिग्रस्त,
भारी बारिश से पुल के तार टूटे, आठ गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही हुई बाधित,
रुद्रप्रयाग। बच्छणस्यूं पट्टी के फतेहपुर गांव के समीप बचनगाढ़ पर बना पुराना झूला पुल भारी बारशि से क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल के क्षतिग्रस्त होने से आठ गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित हो गई।
सोमवार देर रात्रि को हुई भारी बारिश का असर दिखना शुरू हो गया है। तेज बारिश से बच्छणस्यूं पट्टी के फतेहपुर से कुछ दूर बना झूला पुल के दोनों ओर से तार टूटने से पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल के क्षतिग्रस्त होने से सुनाऊ, मरगांव, पौड़ीखाल, पणधारा, कलेथ, ढामणी, ढिंगणी आदि गांवों की आवाजाही कुछ हद तक प्रभावित हो गया है।
पुल के क्षतिग्रस्त होने से इन गांवों के लोगों को गहडख़ाल, खेड़ाखाल या फिर दैजीमांडा मार्ग से पैदल ही आवाजाही करनी पड़ेगी। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सुनीता जोशी ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने का असर आसपास के ग्रामीणों पर पड़ेगा। मरगांव तक मोटरार्ग का निर्माण किया गया है, लेकिन कार्यदायी संस्था की धीमी कार्यप्रणाली के चलते सड़क मार्ग का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस ने बताया कि पुल को पहले ही अनुपयोगी घोषित कर आवाजाही बंद कर दी गई थी।
पत्थर से बाल-बाल बची दुकान
रुद्रप्रयाग। बीती सोमवार की रात्रि हुई बारिश के चलते मुख्यालय स्थित नए बस स्टेशन की ऊपरी पहाड़ी से पत्थर गिरने शुरू हो गए। एक बड़ा सा पत्थर एक दुकान के शटर से जा टकराया। सुबह जब दुकान मालिक अपनी दुकान खोलने पहुंचा तो वह बड़ा पत्थर देख हैरान हो गया। पत्थर इतना बड़ा था कि उसे हटाने के लिए पांच से सात लोगों को आना पड़ा। बारिश शुरू होते ही नए बस अड्डे की पहाड़ी से पत्थर गिरने शुरू हो जाते है। अगर यह वाक्या दिन में होता तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।